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क्या ईश्वर वास्तविक है ?

विज्ञान ईश्वर पर विश्वास करने के पर्याप्त कारण देता है। डीएनए क्यों महत्वपूर्ण है ?

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ब्रिटिश दार्शनिक,डा. एन्टोनी फ्लिउ नास्तिकता के एक जाने माने प्रवक्ता रहे हैं। सक्रिय रूप से वे एक के बाद एक विवादों में शामिल होते रहे हैं तथापि, पिछले तीस सालों की वैज्ञानिक खोजों ने उन्हें एक निष्कर्ष पर ला खड़ा किया है जिससे वे बच नहीं सकते। दिसम्बर 2004 के वीडियो साक्षात्कार में उन्होंने कहा, “ जीवन के आरंभ और प्रकृति की जटिलता का सबसे अच्छा स्पष्टीकरण उत्कृष्ट -बुद्धि है।”1 उनके निष्कर्ष में डीएनए की खोज प्रमुख थी। यहाँ बताया गया है क्यों ?

हमारी कोशिकाओं मे डीएनए बहुत कुछ एक लघु कार्यक्रम के समान होता है। बाएँ तरफ की तस्वीर में आप देखेंगे कि कम्प्यूटर कार्यक्रम (1) और (0) के कर्मों से बनता है। इसे बाइनरी कोड कहते हैं।(1) और (0) का अनुक्रमण और आदेश देने का क्रम कम्प्यूटर कार्यक्रम को ठीक से करवाता है।

डीएनए उसी तरह चार रसायनों से बना है। संक्षिप्त में वे अक्षर ए टी जी और सी हैं। (1) और (0) की तरह ,ये अक्षर मानव कोशिकाओ में सीजीटीजीटीजीएसीटी सीजीसीटीसीसीटीजीएटी के क्रम में सजे रहते हैं।इसी क्रम में ये कोशिका को कार्य करने का निर्देश देते रहते हैं।

कम्प्यूटर का कार्यक्रम
डीएनए कोड

इसमें सबसे आश्चर्य की बात यह है कि हमारे शरीर की प्रत्येक कोशिका की छोटी सी जगह में यह कोड तीन अरब (300 करोड़ ) अक्षरों से निर्मित लम्बाई में होता है।2

एक कोशिका की डीएनए राशि को समझने के लिए, “ उस कोड को तीन अक्षर प्रति सेकेन्ड की दर से पढने में तब भी 31 साल लग जाएँगे, जब पढ़ाई लगातार दिन और रात दोनों में चलती रहे।”3

यह निर्धारित किया गया है कि 99.9 आपका डीएनए सभी के आनुवांशिक श्रृंगार के अनुसार ही होगा।4 आपके आंशिक अंतर में केवल अद्वितीय बात यह है कि आपकी कोशिका में वे तीन अरब अक्षर किस क्रम में रखे गए हैं।

अमेरिका की सरकार हमारे देश में सबकी पहचान नौ अंक के सामाजिक सुरक्षा अंक व्यवस्था के कारण कर पाती है। फिर भी, आपके अंदर की हर कोशिका में तीन अरब अक्षर के डीएनए की बनावट है जो केवल आपकी है।यह कोड आपकी पहचान है जो लगातार आपकी “कोशिका के व्यवहार को निर्देशित करती है।

डीएनए क्यों महत्वपूर्ण है ?

डा. फांसिस कॉलिन्स , जीनोम प्रोजेक्ट के निर्देशक ( जिन्होंने मानव डीएनए की बनावट का नक्शा बनाया था ) ने कहा ,“कोशिका के केन्द्र में स्थित डीएनए एक निर्देश पुस्तिका है, एक सौफ्टवेयर प्रोग्राम है।”5

पेरी मार्शल,एक सूचना विशेषज्ञ ने इसके निहितार्थ टिप्पणी की है। ,“कोई भी कंप्यूटर कार्यक्रम योजनाबद्ध तरीके के बिना कभी भी अस्तित्व में नहीं था,चाहे वह कोड हो, कार्यक्रम हो या कोई संदेश हो जो कि भाषा के माध्यम से दिया गया हो,हमेशा इसके पीछे कोई अति बुद्धिमान दिमाग था।”6

जैसा कि पूर्व नास्तिक डा. एन्टोनी फ्लिउ ने यह प्रश्न किया, अपनेआप से यह पूछना वैध है --- किसने इस तीन अरब अक्षरवाले कोड के बारे में, जोकि लगातार कोशिका को निर्देश देता है, इस लिपि को लिखा और किसने इसे कोशिका में रखा ?

यह समुद्र के तट पर घूमने जैसा है और आप रेत में लिखा देखते हैं ,“ माइक मिशेल से प्रेम करता है।” आप जानते है कि समुद्र की लहरें जो कि समुद्र के तट पर आ जा रहीं हैं उन्होंने इसे नहीं बनाया है – किसी मानव ने लिखा है। यह एक लघु संदेश है।यह स्पष्ट संचार है। इसी तरह डीएनए की बनावट जटिल है, तीन अरब अक्षरों की लिपि जानकारी देती है और कोशिका की प्रक्रिया को निर्देश देती है।

इस परिष्कृत संदेश भेजने, कोडिंग, कोशिका के भीतर रहने की प्रक्रिया की आप किस तरह व्याख्या कर सकते हैं ?

26 जून 2000 को, राष्ट्रपति क्लिन्टन ने उन लोगों को बधाई दी जिन्होंने मानव जीनोम अनुक्रमण को पूरा किया। राष्ट्रपति क्लिन्टन ने कहा, “आज हम उस भाषा को सीख रहे हैं जिसमें ईश्वर ने जीवन बनाया। उसकी जटिलता, सौंदर्य, ईश्वर के सबसे पवित्र और दिव्य उपसंहार पर हमें और ज्यादा विस्मय हो रहा है। डा.7 फांसिस कॉलिन्स , जीनोम प्रोजेक्ट के निर्देशक ने मंच तक क्लिन्टन का अनुसरण किया और बताया,मेरे लिए यह मानना सुखद और विस्मयप्रेरक है कि हमें हमारी अपनी निर्देश पुस्तिका की पहली झलक मिली है,जो कि पहले केवल ईश्वर को ही पता थी।”8

जब हम मानव शरीर के अंदर डीएनए की बनावट देखें, तो हम बुद्धिमानी से बनाई गई उस बनावट की ( अविश्वसनीय रूप से बुद्धिमतापूर्ण) उपस्थिति को नकार नहीं सकते।

बाइबल के अनुसार ( जो अपनेआप में जटिल है) ईश्वर केवल हमारे अस्तित्व का रचयिता ही नहीं,बल्कि उससे हमारा रिश्ता हमारे अस्तित्व को अर्थपूर्ण बनाता है। जीवन की सभी अर्थपूर्ण वस्तुएँ जिनकी हम लालसा करते हैं --- किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पर्याप्त शक्ति,खुशी,ज्ञान और इसकी जानकारी कि हमें प्यार किया जा रहा है --- केवल ईश्वर हमें देता है, जब हम उसकी बात सुनते हैं और उसपर विश्वास करते हैं। वह हमारे जीवन का सबसे बड़ा विश्वसनीय मार्गदर्शक है। जिस प्रकार उसने कोशिकाओं को निर्देश देने के लिए डीएनए बनाया, उसी प्रकार से हमारे जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए, उसकी महिमा के लिए और हमारे लिए, वह हमें निर्देश देता है क्योंकि वह हमसे प्रेम करता है।

डीएनए क्यों महत्वपूर्ण है ? वह ईश्वर का एक और सबूत है।उसने हमारे शरीर की रचना की। अपने जीवन की योजना बनाने के लिए उसपर विश्वास किया जा सकता है। क्या आपने कभी भी ईश्वर के साथ एक रिश्ता बनाना शुरू किया ? यह बताता है कि आप यह कैसे कर सकते हैं : ईश्वर को व्यक्तिगत रूप से जानकर।

भविष्य के सबूत के लिए जब आप प्रश्नों के उत्तर ढूँढ रहे हों, “क्या ईश्वर वास्तव में हैं ?” कृपया देखें, क्या ईश्वर है ?

 परमेश्वर के साथ एक रिश्ता शुरू कैसे किया जाए
 मेरा एक सवाल है …

फुटनोट: (1) हेल्दी –एलीमेंन्ट्स.कॉम/एथिस्ट्स.एचटीएमएल (2) फ्रांसिस एस.कॉलिन्स, जीनोम प्रोजेक्ट के निर्देशक, द लैंगुएज ऑफ गॉड,(फ्री प्रेस, न्यूयॉर्क, एन वाइ ),2006,पी 1. (3) इबिद. (4) इबिद. पी 125 (5) इबिद. पी 102 (6) पेरी मार्शल,एक सूचना अभियन्ता, कॉस्मिक फिंगरप्रिन्ट्स.कॉम (इस लेख की दूसरी अवधारणाओं के लिए भी पेरी मार्शल को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।) (7) फ्रांसिस एस.कॉलिन्स, द लैंगुएज ऑफ गॉड, पी 2. (8) इबिद. पी 3.